Wednesday, January 30, 2013

शहीद का बेटा

एक शहीद का बेटा !
मेरे दोस्तों के पापा रोज उनको स्कूल छोड़ने आते
हैं,
आप मुझे स्कूल छोड़ने क्यों नहीं आते हो पापा,
घर की एक दीवार पर आपकी एक तस्वीर टंगी हैं
माँ आपकी तस्वीर पर रोज फूल क्यों चढाती हैं
पापा,
घर की पुरानी अलमारी में एक यूनीफोर्म
भी लटकी हैं
माँ रोज उस यूनीफोर्म को घंटो तक
क्यों निहारती हैं पापा,
माँ के हाथों में कंगन नहीं खनकते और पेरो में
पायल भी
इश्वर से सारा दिन माँ क्यों ऐसे लडती रहती है
पापा,
माँ मुझे सीने से लगाकर थपकिया देती हैं अक्सर
माँ कहती है में शहीद का बेटा हूँ...
ये शहीद क्या होता है पापा???
जय जवान..जय माँ भारती!!!

Thursday, January 24, 2013

Dil Ko

Tum Mere Dil Ko Tarsaate Ho
"Missed" Call Ke Tarha,
Mere Pass Aa Jao Tum Kabhi
"Received" Call Ki Tarha,
Waqk Na Mile Itna To Aa Jao Tum
"SMS" ki Tarha,
Kabhi Kho Na Jana "Not Reachable"
Ki Tarha,
Our Tum Kafha Na Ho Jana "Siwch
off!" Ki Tarha,
Tum Par Yakin Hai Mujhe "Full
Talktime" Ki Tarha,
Baar-Baar Tumhe Dekhne Ki Chahat
Hoti Hai "Account balance" Ki
Tarha,
Pyaar Ke Is Ahasaas Ko Kabhi Kam
Na Hone Dena "Life Time" Ki
Tarha.......
"I Miss You" 

माँ-बाप के

==> 2 मिनट लगेगा प्लीज
पुरा पढना <= १.पापा कहते है
"बेटा पढाई करके कुछ बनो"
तो बुरा लगता है, पर यही बात जब
गर्लफ्रेंड कहती है तो लगता है केयर
करती है |
२. गर्लफ्रेंड के लिए माँ-
बाप से झूठ बोलते है, पर माँ-बाप के
लिए गर्लफ्रेंड से क्यूँ नहीं ?
३.गर्लफ्रेंड से शादी के लिए माँ-
पापा को छोड़ देते है, पर माँ-पापा के
लिए गर्लफ्रेंड को क्यूँ नहीं ?
4.गर्लफ्रेंड से रोज रात में मोबाईल से
पूछते है
खाना खाया की नहीं या कितनी रोटी खाई,
पर क्या आज तक ये बात माँ-पापा से
पूछी ?
5.गर्लफ्रेंड की एक कसम से
सिगरेट छूट जाती है, पर पापा के
बार-बार कहने से क्यूँ नहीं ?
कृपया अपने माँ-बाप की हर बात माने
और उनकी केयर करे...और करते
हो तो आपके माँ-बाप आपके लिए कुछ
भी गर्व से करने को तैय्यार है | और ये
सबको बताये और समझाए,
क्या पता आपकी बात उसके समझ में आ
जाये...? अपने को माहोल
ही ऐसा बनाना है की हर बच्चा अपने
माता-पिता को ही भगवान समझे |

Friday, January 18, 2013

शौक नहीं है

मुझको शौक नहीं है
फूलों का |
मैं आदी हूँ बम
गोलों की शूलों का ||
मैं अमर नहीं हूँ, अजर
नहीं हूँ |
पार्थिक हूँ इस पावन
धरा की गलियों का ||
मुझको शौक नहीं है
शानो शौकत का |
मैं आदी हूँ सरहद पर होने
वाली मौतों का ||
मैं थकता नहीं हूँ ऊँची ऊँची चोटियों पर |
मुझको अभिमान है बस अपने सैनिक होने
का ||
मुझको शौक नहीं रंग
बिरंगी पौशाकों का |
मैं आदी हूँ तीन रंगों की खातिर मर मिट
जाने का ||
हूँ दूर मैं, मजबूर नहीं घर की याद आती है
|
पर है जूनून मर मिटने
का, माँ का कर्ज चुकाने का ||
मुझको शौक नहीं है सर सेहरे का |
मैं आदी हूँ बंदूकों का,
तोपों का हथगोलों का ||
धरा पुकारती है पग
पग, हर पल मुझको |
मैं युद्धा हूँ, मैं सैनिक हूँ हर माँ हर बेटे
का ||
मुझको शौक नहीं दुश्मनों से
समझौतों का |
मैं आदी हूँ बस आर या पार
की ललकारों का ||
मैं शौर्य रथ पर चढ़ विजय
गाथा लिखता हूँ |
मैं सैनिक प्रतिज्ञाबद्ध हूँ सरहद
की रखवाली का ||
मुझको शौक नहीं है
चारदीवारी में रहने का |
मैं आदी हूँ पाक पर
बंगलादेश जैसी जीतों का ||
है शस्त्र हाथ में और लक्ष्य निर्धारित |
मैं रक्षक हूँ माँ भारती की पावन
सरहदों का ||

Monday, August 27, 2012

pass hote

Tum Pass Hote to koi shararat kerte
Tujhe le ker bahoon main muhabbat kerte

Dekhtay teri ankhoon main neend ka khumar
Apni khoi hoi neendoon ki shikayat kerte

Teri ankhoon main apna aks dhoondte
Khud se bhi zaida teri chahat kerte

Ik dil hi tha wo bhi uske pass hi tha
Raat bhar jhag ker kis ki hifazat kerte
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Wednesday, August 22, 2012

Tere Hai

Saare Shikwe Janab Tere Hai,
Dil Pe Saare Azaab Tere Hai,
Tum Yaad Aao To Nind Nahi Aati,
Nind Aaye To Saare Khwab Tere Hai

Socha tha jab milenge raah chalte kabhi,
dil ki baaten juban par na aane denge,
hamne lab khole bhi nahi aur wo sab jaan gaye,
khaamoshiyon ko samazne ki wo adaa unme aaj bhi hai…
...

Khyalon mein wahi, sapno mein wahi,
Lekin unki yaadon mein hum the hi nahi,
Hum jaagte rahe duniya soti rahi,
Ek baarish hi thi, jo humare sath roti rahi…


Har phool ki ajab kahani hai,
Chup rehna bhi pyar ki nishani hai,
Kahi koi zakhm nahi phir bhi kyu yeh ehsas hai,
Lagta hai dil ka ek tukda aaj bhi us ke paas hai…

Tuesday, August 14, 2012

ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ

उगे न जहाँ घृणा की फसलें
मन-मन स्नेह सिंधु लहराएँ
ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ

...
जहाँ तृप्त आयत कुरान की हँस कर वेद मंत्र दुहराएँ
आसन पर बैठा गिरिजाघर गुरुवाणी के सबद सुनाएँ
'धम्मं शरणं गच्छामि' से गली-गली गुंजित हो जाएँ
ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ

वन में जहाँ वसंत विचरता, आम्रकुंज में हँसती होली
हर आँगन में दीवाली हो, चौराहों पर हँसी ठिठोली
दर्द अवांछित अभ्यागत हो, निष्कासित हों सब
पीड़ाएँ
ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ

रक्षित हों राधायें अपने कान्हा के सशक्त हाथों में
दृष्टि दशानन उठे सिया पर प्रलंयकर जागे माथों में
अभिनंदित साधना उमा की पूजित हों घर-घर ललनायें
ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ

आँगन-आँगन ठुमक-ठुमक कर नाचे ताली बजा कन्हैया
चाँदी-सी चमके यमुना रज रचे रास हो ताता थैया
पनघट पर हँसती गोपी के गालों पर गड्ढे पड़ जाएँ
ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ

किसी आँख में आँसू आए सबका मन गीला हो जाए
अगर पड़ोसी भूखा हो तो मुझसे भोजन किया न जाए
ईद, दीवाली, बैसाखी पर सब मिल-जुल कर मंगल गाएँ
ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ

हर विंध्याचल झुककर छोटी चट्टानों को गले लगाए
छोटी से छोटी सरिता को सागर की छाती दुलराए
हर घर नंदनवन हो जाए हँसे फूल कलियाँ मुस्काएँ
ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ

'एक माटी के सब भांडे हैं' कबिरा सबको भेद बताए
ब्रज की महिमा को गा-गा कर कोई कवि रसखान
सुनाए
एक अकाल पुरुष के सच का नानक सबको भेद बताएँ
ऐसा हिंदुस्तान बनाएँ